Failure Is The Secret Of Success : असफ़लता ही सफ़लता का रहस्य है

असफ़लता (failure) वह है जो जीवन को जीना सिखाती है| इसमें मनुष्य अपनी गलतियों का सुधार करता है, और छोटी बड़ी परेशानियों से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहेता है| ताकी वह परेशानी उसको असफ़ल प्रतीत होते हुए भी सफ़ल लगने लगे। क्योंकि जब तक मनुष्य सघंर्ष करने को तैयार है तब तक उसे सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता है। एक असफ़ल व्यक्ति ही सफ़लता की खोज करता है। वह चाहता है की सफ़लता उसे चाहे देर से मिले पर असफ़लता (failure) न मिले।

असफ़लता (failure) में सफ़लता है ?

दुनिया में मनुष्य चाहे किसी भी कार्य को करे हर कार्य को करने के लिए उसे थोड़ी सी मेहनत तो करनी पड़ती है। और वह मेहनत भी करता है ताकि वह अपने हर कार्य में सफल हो सके।

हर कार्य ऐसा होता है जिसमे असफ़ल होने की पूरी संभावना रहती है, लेकिन मनुष्य उसे फिर भी सफल कर देता है। क्योंकि उसके दिल से निकली बात उसके दिमाग पर जाकर सीधा असर करती है की उसे इस कार्य को किसी भी हालत में सफल बनाना है, फिर चाहे वह कार्य कितना भी कठिन हो। और उसकी यही सोच उसे असफ़लता (failure) के अंधरे में सफ़लता का उजाला दिखा देती है।

असफ़ल से सफ़ल कैसे बनें ?

कुछ मनुष्य होते है जो अपना सारा जीवन अपने कार्य को सफल बनाने में लगा देते हैं। वह अपने कार्य को एक उच्चस्तर पर पंहुचा देते हैं। यदि किसी कारण उनके कार्य में कोई विपति आ जाती है और उनका कार्य रुक जाता है, तो मेहनत से बनाई हुइ सफ़लता एक पल मे असफ़लता  मे बदल जाती है।

जिस कारण वह खुद को भी एक असफ़ल व्यक्ति समझने लगते हैं। उन्हें लगने लगता है की उनका होनर अब नहीं रहा जो उनके पास पहले था। बस उनकी यही सोच उन्हें गलत बना देती हैं।

यह बात हमेशा याद रखें की अंधरे में बुझा हुआ दीपक भी जल सकता है, बस जरूरत है तो एक चिंगारी की। जब दीपक दुबारा से जल सकता है तो मनुष्य क्यों नहीं दुबारा से सफ़ल हो सकता है। बस मनुष्य को खुद में एक चिंगारी पैदा करनी होगी , वह चिंगारी ऐसी होनी चाहिए की असफलता (failure) भी सामने से आकर घुटने टेककर बोलने लगे, की तुझे असफ़ल बना कर मैंने गलती कर दी। तभी आप एक असफ़ल से सफ़ल व्यक्ति बन पाएगें।

असफ़ल से सफ़ल क्यों नहीं होते है मनुष्य ?

असफल होने के बाद सफ़लता ना प्राप्त करने के भी कुछ निम्नलिखित परिणाम है :

  • कोशिश न करना
  • हार मान लेना
  • होसला तोड़ लेना
  • सयंम न रखना
  • खुद को बार बार कोशना

आदि ऐसे कई कारण है जो मनुष्य को सफल होने से रोकते हैं। इसलिए उसे हमेशा इनसे बचकर एवं सोच समझकर आगे बढ़ना चाहिए।

जिसका कोई लक्ष्य होता है, कोई मंजिल होती है, तो वह अपने रास्ते में आने वाले काटों पर ध्यान नहीं देता है बल्कि उन्हें काटते हुए आगे बढ़ जाता है। तभी वह एक सफ़ल व्यक्ति बन पाता है।

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FAQ

प्रश्न : सफ़लता क्या है ?

उत्तर : सफ़लता वह है जिसे मनुष्य अपनी पूरी मेहनत व लगन के बाद पता है।

प्रश्न : असफलता से निराश क्यों नहीं होना चाहिए ?

उत्तर : यदि मनुष्य असफल होने के बाद निराश हो जाता है तो इससे उसका होसला और मन दोनों टूट जातें हैं।

प्रश्न : सफ़लता और असफलता क्या है ?

उत्तर : असफ़लता (failure) वह है जिसमे मनुष्य अपनी गलतियों को सुधरता है , और सफल बनता है।

प्रश्न : असफ़लता सफलता का इस्सा क्यों है ?

उत्तर : असफ़लता (failure) जीवन का सबसे बड़ा शिक्षक है, इसमें मनुष्य अपने चरित्र का निर्माण करता है।

प्रश्न : क्या कोशिश करना और असफल होना बेहतर है ?

उत्तर : यह सीखने, पढने, और सफलता प्राप्त करने में सहायक है।

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