आज के इस बदलते युग में लोग बदलते जा रहे है। वह इतने बदल गए है कि वह बाहर से स्वस्थ तथा अंदर से नई बीमारी को उत्पन्न कर रहे हैं। वह बीमारी है आलस (Aalas)। जिसे मनुष्य बढ़ते समय चक्र के साथ बढाता जा रहा है। आलस मनुष्य के शरीर में विटामिन-डी की कमी से भी होता है। इसका उसे अंदाज भी नहीं है कि ये बीमारी उसके विनाश तक उसके साथ रहेगी।
यदि मनुष्य का एक बार विनाश हो जाए तो दुबारा खुद को सही पथ पर लाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। जो की कभी संभव नहीं है क्योंकि आलस (Aalas) नाम की बीमारी उसे जकड़े बैठी है। यदि एक बार कोई बीमारी जकड ले तो उसे मिटाने में काफी कसरत लगती है। ऐसे ही आलस को भी मिटाने में भी काफी परिश्रम लगता है। लेकिन जब होसला बुलंद हो तो मनुष्य किसी भी बीमारी का अंत कर सकता है।
आलस (Aalas) क्यों न करें ?
आलस (Aalas) करना बुरा नहीं है। ये सामान्य बात है कि आलस सब लोग करते हैं। परन्तु एक सीमा तक आलस सही लगता है। वरना उसके बाद उसके दुष्प्रभाव दिखने लगते है। इससे मनुष्य के शरीर पर ऐसा प्रभाव पड़ता है कि वह हर कार्य को करने में निंदा प्रकट करता है। उसे हर वक्त आराम करने कि सूजती रहती है। आलस के कारण वह हर वक़्त सोता रहता है।
ज्यादा सोना किसी भी मनुष्य के शरीर एवं दिमाग के लिए बिलकुल ठीक नहीं है। इससे उसके शरीर में बीमारियों का उत्पन होना शुरू हो जाता है। जो कि उसके दिमाग पर जाकर सीधा असर करता है। इससे मनुष्य का तेज दिमाग कम सोचने लगता है जिस कारण उसके सोचने की शक्ति भी कम हो जाती है। इतना ही नहीं ज्यादा आलस (Aalas) करने से आपकी दिनचर्या भी बिगड़ जाती है।
आलस को कैसे छोड़े ?
यदि मनुष्य ज्यादा आलस (aalas) करता है और उसे छोड़ना चाहता है। तो उसे सबसे पहले नियमित रूप से व्ययाम करना चाहिए। दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए सुबह सुबह घूमने जाना चाहिए। ताकि आपके मन और दिमाग को शांति मिले। अपने भोजन पर काबू रखे ज्यादा न खाए ताकि आपको नीद एवं आलस न आए। अपनी दिनचर्या में कभी भी फ्री न बैठे स्वयं को किसी न किसी कार्य में लगाये रखे। इससे आप अपने कार्यो में व्यस्त होने के कारण उनमें लगे रहोगे और आलस नहीं करोगे।
दिन में दो घंटे सोने का नियम बना ले ताकि आपको थोडा आराम महसूस हो सके और आप अपने कार्यो को मन लगाकर कर सकें। कभी भी किसी आरामदायक चीज़ का सहारा लेकर कार्य न करे। क्योंकि इससे आपको आलस आएगा और आप उस कार्य पर ध्यान नहीं दे पायेंगे।लोग अक्सर आलस को दूर भगाने के उपाय ढूंढते रहते हैं। आलस को दूर करने के कुछ उपाय निम्न हैं –
- थोड़ी देर नियमित व्यायाम करें
- खाने में हल्की डाइट शामिल करें
- समय पर सोने की आदत डालें
यदि मनुष्य अपने जीवन में थोडा भी बदलाव लाता है, तो इससे वो आलस (Aalas) ही नही किसी भी बुरी आदत को हरा सकता है। हमेशा याद रखें कि आलसी व्यक्ति का न वर्तमान होता है न ही भविष्य। जो लोग जीवन को आनंद के रूप में, ऐश्वर्य के रूप में, सफलता के रूप में और संगीत के रूप में स्वीकार करते हैं, उनका जीवन आनंदमय हो जाता है। ऐश्वर्यमय हो जाता है। संगीतमय हो जाता है। दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं, जो जीवन को निराशा, असफलता और विपत्ति के रूप में स्वीकार करते हैं, लिहाजा उनका जीवन आंसू बनकर बह जाता है।
FAQ
प्रश्न : आलस मनुष्य का सबसे बड़ा क्या है?
उत्तर : आलस को आमतौर पर इंसान का सबसे बड़ा शत्रु कहा जाता है, क्योंकि शरीर में आलस आने से कई बनते बनते काम बिगड़ जाते हैं।
प्रश्न : ज्यादा आलस आने का क्या कारण है?
उत्तर : बदलते मौसम में शरीर में कफ बढ़ने लगता है. बढ़ा हुआ कफ शरीर में भारीपन बढ़ाता है और इससे आलस की समस्या होने लगती है।
उत्तर : विटामिन
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