आजकल के युग मे मनुष्य किसी न किसी विपत्ति से गुजर रहा है। वह इन विपत्तियों के हल निकालने में इतना व्यस्त हो जाता है कि स्वयं के कार्यो को अस्त व्यस्त (Messy) कर देता है। जिसका वह बाद में पछतावा करता है कि यदि वह उस समय अपने कार्यो को देख लेता तो इतना परिश्रम नहीं करना पड़ता। यदि मनुष्य को अपने कार्यो को अस्त व्यस्त नहीं करना है तो उसके लिए उसका व्यवस्थित रहना जरूरी होगा। यदि मनुष्य को अपने कार्यो को सही समय पर करना है तो उसके लिए उसे तीन कार्यो को करने का संयम रखना होगा ताकि वह आगे जाकर उस कार्य पर सफलता प्राप्त कर सके।
समय को अस्त व्यस्त (Messy) न करके उसका सही उपयोग करना
मनुष्य कहीं न कहीं विपत्तियों के कारण अपने कार्यो में व्यस्त रहता है। उसके पास खुद के लिए समय नहीं रहता है और अपने जीवन को अस्त व्यस्त (Messy) कर देता है। समय न रह पाने के कारण वह किसी भी कार्य को नहीं कर पाता है और फिर तनाव महसूस करता है। यदि वह इस तनाव को दूर करना चाहता है तो इसके लिए उसे समय का सही उपयोग करना होगा ताकि वह हर कार्य को समाप्त कर सके।
मनुष्य को अपने हर कार्य को समय के अनुसार करना चाहिए। उसे हर एक कार्य के लिए एक समय देना चाहिए और उसे उसी समय तक समाप्त करने का पूरा प्रयास करना चाहिए। मनुष्य को किसी भी कार्य को एक साथ नहीं करना चाहिए इससे कार्य कभी समाप्त नहीं हो पाता है। हमेशा हर कार्य को करने के लिए ऐसी कोशिश करनी चाहिए कि समय आप पर नहीं आप समय पर राज करें।
किसी कार्य में हार न मानना
हार एक ऐसा शब्द है जिसे सुनकर या देखकर हर कोई मायूस हो जाता है। जिस कारण वह सोच नहीं पाता है कि अब उसे क्या करना चाहिए। फिर वह उस काम को करता ही नहीं है। ज्यादातर मनुष्य ऐसे ही होते है जो एक बार हार मानकर दोबारा प्रयास ही नहीं करते और अपने जीवन को अस्त व्यस्त (Messy) कर देते हैं।
मानव को खुद सोचना चाहिए कि यदि वह उस काम को पूरे मन से करता और पूरी मेहनत करता तो वह अवश्य सफल होता। क्योंकि “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती”। यदि मनुष्य के इरादे नेक हों तो वह किसी भी ऊँचाई को छू सकता है। जीत हमेशा उसी को मिलती है जो कभी रोता और सोता नहीं है। जीवन में उतार चढ़ाव तो मामूली चीज़ है। अगर हम इनसे हार मानने लगे तो हम कभी भी अपने कार्यो को समाप्त नहीं कर पायेंगे।
जल्दबाजी नहीं करना
हर मानव एक ही गलती को दोहराता रहता है लेकिन कभी भी यह जानने कि कोशिश नहीं करता कि यह गलती मुझसे आखिर हुई क्यों ? आज के युग में हर कोई कार्य को जल्दी समाप्त करने की सोचता है और अपने कामों को अस्त व्यस्त (Messy) कर देता है। लेकिन जल्दबाजी के कारण उसके कार्य में कोई न कोई गलती हो ही जाती है। जिस कारण उसे वह कार्य फिर से करना पड़ता है।
इन सबका सिर्फ एक ही कारण है कि किसी कार्य को जल्दी करने कि कोशिश करना। हर कार्य जल्दी का नहीं होता है। हर कार्य को करने के अपने तरीके होते है। जो कार्य शांत मन से किया जाता है वह कभी भी गलत नहीं होता है। किसी भी कार्य को करने के लिए धैर्य रखना आवश्यक है।
अगर मनुष्य को अपने जीवन में सफलता हासिल करनी है। अपने लक्ष्य तक पहुंचना है तो इन तीन कार्यो को सच्ची निष्ठा से करने से वह किसी भी मंजिल को हासिल करने का हौसला रख सकता है। हमेशा याद रखे कि मेहनत से किया कार्य कभी भी बेकार नहीं होता है।
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