मानव जिसे भगवान ने सबसे अलग और विचित्र बनाया है। वह हर चीज़ को देख और समझ सकता है। परन्तु फिर भी वह स्वयं (Swayam) को क्यों नहीं समझ पाता है। वह स्वयं को जानने में गलती क्यों कर देता है। ऐसा तो है नहीं कि मानव के पास दिमाग नहीं है और वो पागल है। कभी सोचा है कि ऐसा आखिर है क्यों ?
स्वयं (Swayam) को जगाने के लिए आत्मचेतना और आत्मविश्वाश की आवशयकता होती है। मनुष्य पागल नहीं है बल्कि उसे कोई समझाने वाला नहीं है। उसे कोई उसके क्ररिएर के बारे में गाइड करने वाला नहीं है। वह बस उसी धुन में लगा रहता है जिसके बारे में उसे कहा जाता है। ऐसा करके वह अपने टैलेंट को गवा बैठता है। जो उसके अंदर खुद ही पैदा हुआ था। टैलेंट हर एक मनुष्य के अंदर होता है चाहे वह पागल ही क्यों न हो। टैलेंट से मनुष्य वहां तक पहुच गया है जहाँ की वह सोच भी नहीं सकता था।
स्वयं (Swayam) को जानना क्यों है जरूरी ?
एक लड़का था, उसका नाम राहुल था। उसकी उम्र ग्यारह साल थी। राहुल बहुत शैतान लड़का था। उसकी आदत थी की वह कभी भी किसी चीज़ को सीरियस नहीं लेता था। जिस कारण उसके माता पिता भी उससे काफी परेशान रहते थे। अब वक़्त बीतता गया और राहुल बड़ा हो गया, और उसकी पढाई पूरी हो चुकी थी। अब उसके माता पिता को यह चिंता थी कि अब वह आगे क्या करेगा।
कुछ समय बाद राहुल को एक जॉब का ऑफर आया, उसने यह बात अपने माता पिता को बताई। यह सुनकर उसके माता पिता खुश तो हुए पर चिंतित थे कि क्या उनका बेटा यह जॉब हासिल कर पाएगा। राहुल फूले नहीं समा रहा था। अगले दिन राहुल जॉब का इंटरव्यू देना ऑफिस पंहुचा। वहां जाकर उसने देखा कि काफी लोग जॉब के इंटरव्यू के लिए आए है। उन्हें देखकर वह थोडा गबहरा गया था। पर उसे लगता था कि उसे यह जॉब जरूर मिलेगी।
जब राहुल का नंबर आया तो राहुल ख़ुशी ख़ुशी अंदर गया। अंदर जाकर वह अपने बॉस के सामने बैठ गया। जहां उससे मात्र तीन सवाल पूछे गए। दो सवालों के जवाब तो राहुल ने सही सही दिये थे। फिर उसको लगने लगा कि अब उसकी जॉब पक्की है, यह सोचकर राहुल बहुत खुश था। लेकिन जब तीसरा सवाल पूछा गया तो वह मायूस हो गया क्योंकि उसको इसका जवाब नहीं पता था। सवाल था कि वह किस चीज़ में होनर रखता है। राहुल को खुद नहीं पता था कि वह किस चीज़ में होनर रखता है।
क्योंकि उसने अपना जो कीमती समय था , जिस समय में वह खुद को जान सकता था वह उसने शैतानी में बिता दिया। थोड़ी देर बाद जब राहुल जवाब नहीं दे पाया तो उसे यह कहकर निकाल दिया की वह अपना होनर नहीं जनता तो वह उस पर कैसे विश्वाश कर ले कि वह उसके दिए गए कार्य को कर सकता है। राहुल मायूसी के साथ ऑफिस से बाहर निकला। और अपने घर गया। घर पहुचकर उसने यह सारी बात अपने माता पिता को बताई।
जिसके बाद उन्होंने कहा कि यदि वह समय रहते सुधर जाता और अपने होनर को खोजता और उस पर पूरी लगन से काम करता तो उसे यह मायूसी नहीं होती। राहुल को माता पिता कि यह बात अब सही लगने लगी थी और वह उसका पछतावा भी कर रहा था। अब आप स्वयं (swayam) ही सोचिए कि आप राहुल जैसा बनना चाहेगे ,या समय रहते स्वयं (swayam) में परिवर्तन लाकर खुद को समझकर अपने ऊपर मेहनत करना चाहेगे।
स्वयं को कैसे जाने?
- स्वयं (Swayam) के लिए समय निकालें
- अपनी क्षमताओं को पहचानें
- अपनी कमियों को पहचानें
- अपनी आदतों को पहचानें
- अपने मन पर ध्यान दें
- दूसरों की राय लें
- अपनी सफलता और असफलताओं को देखें
स्वयं (Swayam) को जानकर मनुष्य बहुत फायदा कर सकता है। क्योंकि जब तक वह स्वयं को जानेगा नहीं तब तक वह किसी कार्य को समझ नहीं पाएगा। क्योंकि जिस चीज़ का उसमे होनर है यदि वह उसको छुडकर दूसरे कार्य को करेगा तो वह उसे कर ही नहीं पाएगा। और एक असफल व्यक्ति कि तरह जीवन बिताएगा। कभी भी स्वयं (Swayam) को व्यक्त करने से डरो मत, भले ही आपके विचार दूसरों से अलग हों ।
FAQ
प्रश्न : स्वयं को जानना क्या है ?
उत्तर : स्वयं को जानना एक अभ्यास है, अपनी कमियों को दूर करने का और अपनी अच्छाईयों को आगे कर जीवन के लक्ष्य को पाने का स्वयं को जानने वाला मनुष्य कभी हार नहीं सकता है।
प्रश्न : स्वयं को जानना क्यों आवश्यक है ?
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