Tag: हँसना और रोना

Kabhi Hasna Hai Kabhi Rona Hai : कभी हँसना है कभी रोना है
जीवन शैली

Kabhi Hasna Hai Kabhi Rona Hai : कभी हँसना है कभी रोना है

हँसना ( Hasna) और रोना मानव अपने  जीवन में सुख और दुख आने पर करता है क्योंकि भगवान ने उसे सारे जीवों से अलग बनाया है। मानव का जीवन जब सुखी होता है तब वह हँसता है, और जब दुखी होता है तब वह रोता है। हँसना ( Hasna) और रोना तो मानव जीवन का एक खेल है, जो उसके साथ अंत तक रहता है। इसलिए मानव को अपने जीवन में आने वाले सुख दुख को स्वीकार कर जीवन जीना चाहिये।मानव हँसता और रोता क्यों है ? मानव हँसता और रोता क्यों है ? अधिकतर मानवों के साथ यह होता है, की जब तक उनके जीवन में सुख है उसे किसी भी कार्य में परेशानी नहीं है। तब तक वह अपना जीवन हँसते खेलते गुजारता है। उसे किसी भी तरह कि समस्या नहीं होती है।लेकिन जब मानव के जीवन में समस्या का पहाड़ अचानक टूट पड़ता है, तुरंत वह रोने लग जाता है। जब उसे लगने लगता है कि उसके हाथ में अब कुछ नहीं रहा है। तब वह भगवान को याद करता है उससे विनती करता है कि ...