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Sochne Se Kya Hota Hai : सोचने से क्या होता है ?
जीवन शैली

Sochne Se Kya Hota Hai : सोचने से क्या होता है ?

सोचने (Sochne) के कारण मनुष्य खुद भी नही जानता है। परंतु वह फिर भी सोचता रहता है। मनुष्य अपने अंदर ही अंदर सोचकर अपने भावों को प्रकट करता है। वह उन बातों को सोचता रहता है, जो उसके साथ वर्तमान में हो रही हैं। सोचते सोचते वह इतना सोच में डूब जाता है की वह धीरे धीरे बडबडाने लगता है।जिसके बारे में उसको कुछ भी नही पता होता है, कि वह सोचते में क्या कर रहा है। जिस कारण लोग उसे पागल समझने लगते हैं। धीरे धीरे करके वह उसके लिए एक रोग समान बन जाता है। जिसे वह भूलने की कोशिश करता है पर वह कर नहीं पाता है।हम सोचते क्यों है ? मनुष्य के जीवन में सोच में आना तो एक स्वभाविक कार्य है। मनुष्य सोचता तभी है जब उसके जीवन में विपतियों का इक्कठा पहाड़ टूट पड़ता है। जब वह कुछ समझ नहीं पता है कि अब वह क्या करे जिस कारण वह सोच में आ जाता है। मनुष्य के पास सोचने (sochne) के अलावा और कोई कार्य नहीं बचता है क्...